4. विज्ञान-मूलक सत्य-धर्म के प्रवर्तक एवं संस्थापक भगवान देवात्मा के विषय मे समझने योग्य कुछ मूल बातें ।
4. एकमात्र देवात्मा ही “सत्य तथा शुभ अनुरागी” हैं । अतः वह इस पथ से तिल भर भी इधर या उधर भटक नहीं सकते । अतः उनका यह दावा (claim)…
4. एकमात्र देवात्मा ही “सत्य तथा शुभ अनुरागी” हैं । अतः वह इस पथ से तिल भर भी इधर या उधर भटक नहीं सकते । अतः उनका यह दावा (claim)…
3. देवात्मा की अद्वितीय देवज्योति (अर्थात अद्वितीय सूझबूझ) को पाकर ही किसी सुपात्र जन को अपने आत्मा के अस्तित्व, उसके रोगो उन रोगों से उसके पतन, उस पतन के महा…
2. देवात्मा फरमाते हैं, कि चाहे हमारा सूर्य अपनी ज्योति देना छोड़ दे तथा चाहे यह धरती हमारे पांवों के नीचे से निकलकर चकनाचूर हो जाए, लेकिन मैं सत्य का…
1. देवात्मा फरमाते हैं — जो जन मेरे देवजीवन का अध्ययन करते हैं, उन पर यह सत्य भलीभाँत प्रगट होना चाहिए, कि मैं अपने आत्मा में प्रकृति के जिन विकासकारी…
प्रिय मित्रो ! किसी विषय मे सत्यज्ञान तथा उच्च-प्रेरणाएं लाभ करने का सबसे सरल उपाय । यह है कि महान व्यक्तियों की जीवन-गाथाओं का हार्दिक अनुराग -भावों से…
भगवद गीता का यह वचन है, कि “श्रद्धावान्म लभते ज्ञानम् |” इसका अर्थ यह है, कि जो श्रद्धावान होते हैं, वही ज्ञान लाभ करते हैं…
“भगवान् देवात्मा”(हमारे आध्यात्मिक माता-पिता)——————————————————–‘त्वमेव माता च पिता त्वमेवत्वमेव बन्धुश्चच सखा त्वमेव,त्वमेव विद्या च द्रविणम त्वमेव,त्वमेव सर्वम मम देव देव….. हे परम पूजनीय, सत्य देव श्री देवगुरु…
विद्वान् जन कहते हैं कि हर ताज ( CROWN ) सर पर सजाने के लिए होता है, लेकिन हर सर इस योग्य नहीं होता कि…
प्रिय साथियो ! आप उपरोक्त शीर्षक पढ़ कर आश्चर्यचकित हो गए होंगे, कि ये मैं क्या लिख रहा हूँ, और ऐसा क्यूँ चाहता हूँ ? ऐसा नहीं…
जीवन दाता भगवन ! एकमात्र आपकी ज्योति ही हमारा आश्रय है | केवल यही एक ज्योति हमारे आत्मा की…