6. स्वदेश के सम्बन्ध में “विज्ञान मूलक सत्य धर्म प्रवर्तक भगवान देवात्मा” की धर्म-शिक्षा –
6. स्वदेश के सम्बन्ध में देवात्मा फरमाते हैं, कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह आवश्यक है, कि वह यथासंभव तथा अपनी सामर्थ्य के अनुसार अपने देश के सुन्दर प्राकृतिक-दृश्यों के…