11. स्वदेश के सम्बन्ध में “विज्ञान मूलक सत्य धर्म प्रवर्तक भगवान देवात्मा” की धर्म-शिक्षा —
11. देवात्मा फरमाते हैं,कि प्रत्येक देश के प्रत्येक नागरिक के लिए यह अति आवश्यक है, कि वह अपने देश की प्रत्येक जाति तथा उसके प्रत्येक दल/वर्ग एवं सम्प्रदाय आदि के…