आपकी ज्योति में हमें अपने अपराध दिखाई देते हैं |
जीवन दाता भगवन ! एकमात्र आपकी ज्योति ही हमारा आश्रय है | केवल यही एक ज्योति हमारे आत्मा की…
जीवन दाता भगवन ! एकमात्र आपकी ज्योति ही हमारा आश्रय है | केवल यही एक ज्योति हमारे आत्मा की…
जिस प्रकार एक बच्चा अन्धकार में बहुत असहज अनुभव करता है, ठीक उसी प्रकार, सबसे विकसित प्रजाति का सदस्य होने के कारण, ‘मनुष्य’ भी अज्ञान के अन्धकार में…
हमारी ज़िन्दगी का पॉयलट कौन है ? प्रिय मित्रो ! हमारा ‘मनुष्य-जीवन’ एक वायुयान की न्याईं है, जिसको चलाने वाला पॉयलट अपनी क्षमता तथा योग्यता से चाहे तो सुरक्षित गंतव्य तक…
माता-पिता के परम उपकार | एक एक माता अपनी संतान को अपने गर्भ में नौ महीने रखकर, असह्य कष्टों में से गुज़रती है | संतान के जन्म-काल के समय कितनी ही…
मृत्यु से डर |“मृत्यु से डर क्यों लगता है, तथा इसके डर से कैसे बचा जा सकता है ? इसके बारे में मैं अपनी अति तुच्छ बुद्धी के अनुसार “विज्ञान-मूलक…
22. देवात्मा फरमाते हैं — आपको अपने आत्मा के सत्य-मोक्ष एवं विकास के लिए देवात्मा के साथ जुड़ने की अर्थात उनकी शरणागत होने…
सबसे बड़ा धर्म है “विकासक्रम” – जो विज्ञान के द्वारा समर्थित है । प्रिय मित्रो ! प्रकृति अर्थात Nature एक है, विज्ञान बहुत से हैं । परन्तु उनके सच्चे, अटल…