क्या आध्यात्म में मृत्यु पर चिंतन करना आवश्यक है ?
एक मित्र ने प्रश्न किया है, कि क्या आध्यात्म में मृत्यु पर चिंतन करना आवश्यक है ? भगवान देवात्मा की अद्वितीय शिक्षा इस विषय मे स्पष्ट करती है कि —शत…
एक मित्र ने प्रश्न किया है, कि क्या आध्यात्म में मृत्यु पर चिंतन करना आवश्यक है ? भगवान देवात्मा की अद्वितीय शिक्षा इस विषय मे स्पष्ट करती है कि —शत…
अपनी बात दूसरों को सुनाने के लिए ऊंची आवाज़ की नहीं, अपितु ऊंचे चरित्र एवं ऊंचे आचरण की आवश्यकता होती है ।ऊंचे चरित्र तथा ऊंचे आचरण वाले व्यक्ति की बात…
*शुभकामना किसी के लिए भी की जा सकती है। चाहे हम उसे जानते हो या न भी जानते हो। शुभकामना निकट व दूर किसी के लिए कहीं से भी की…
जीवन कोई परिहास नहीं है । मैने कई मित्रों के द्वारा भेजी गई ऐसी बेसिर पैर की बातें पढ़ी हैं । कृपया इस कटु सत्य पर ध्यान दें । वास्तव…
1. आत्मा तथा शरीर नामक दो विशेष प्रकार के गठन-प्राप्त जीवित अस्तित्वों से संयुक्त व्यक्ति को मनुष्य कहते हैं ।इसी प्रकार, कई प्रकार की शक्तियोंद से विशिष्ट जो जीवित-अस्तित्व मनुष्य…
‘माता-पिता’ के रूप में कितना सुरक्षित, कितना स्नेहपूर्ण, कितना ममत्वपूर्ण तथा कितना त्यागमय संसार छिपा हुआ है, इसका अनुमान लगाना प्रत्येक जन के लिए आसान नहीं ।किसी ने सत्य ही…
प्रिय मित्रो ! facebook से एक बहुत सुन्दर तथा उच्च-प्रेरणाओं से भरा लेख प्राप्त हुआ है | आप सबकी सेवा में अपलोड कर रहा हूँ | लेख लिखने वाले का…
पाप को शुभ की शक्ति से गारत करना, मिथ्या को सत्य की शक्ति से नष्ट करना देवात्मा का काम है। नेचर ने जो देवात्मा को पैदा किया है, वह इसलिए…