जीवन कोई परिहास नहीं है । मैने कई मित्रों के द्वारा भेजी गई ऐसी बेसिर पैर की बातें पढ़ी हैं । कृपया इस कटु सत्य पर ध्यान दें । वास्तव में ज़िंदगी एक बहुत बड़ा कर्तव्य है । हम घर मे जो भी सामान लाते हैं, वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए होता है । जो सामान हमारे किसी काम का न हो, हम उसे या तो जैसे तैसे करके बेच देते हैं या कूड़ा समझ कर जला देते हैं। प्रकृति Nature ने हमें अपने एक विशेष लक्ष्य के लिए पैदा किया है । उसी को समझना तथा पूरा करन हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है । यदि हम इसमें असफल होते हैं, तो हमें आत्मिक मृत्यु के रूप में इस पाप की कीमत चुकानी पड़ेगी । अभी पूरे संसार को यह बात मालूम नहीं है, इस लिए सब जीवन को परिहास में ले रहे हैं ।
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