एक मित्र ने प्रश्न किया है, कि विवाद क्यों पैदा होता है ? इसका समाधान क्या है ?
भगवान देवात्मा की अद्वितीय धर्म-शिक्षा के अनुसार मुझे जो उत्तर समझ आ रहा है, आपकी सेवा में नीचे उद्धृत कर रहा हूँ । यथा :
सभी मनुष्यों में घमण्ड कूट कूटकर भरा पड़ा है । लेकिन कई लोग झूठी दीनता दिखाते हैं, जबकि कई लोगों को पता ही नहीं होता कि वह महा घमण्डी हैं । इसी लिए विवाद तथा झगड़ा पैदा होता है । कई बार मार-पीट तथा हत्या तक नौबत आ जाती है ।
प्रकृति ने हम सबको भिखारी बनाकर पैदा किया है । जन्म लेने से लेकर आयु-प्रयन्त तथा उसके पश्चात मृतक संस्कार करवाने के लिए भी हम दूसरों के सहयोग पर निर्भर होते हैं । मरने के पश्चात हमारे अवशेषों को भी धरती माता सदा अपनी गोद मे आश्रय देती है, अन्यथा ……
तातपर्य यह है, कि सबसे बड़ा आध्यात्मिक-साधन यह है, कि हम अपने भिखारत्व अर्थात भिखारी रूप को सदा याद रख करें तथा सबके साथ धर्म-मूलक उच्च आचरण से पेश आया करें ।
सबके शुभ का मार्ग प्रशस्त हो ।
देवधर्मी