अपनी बात दूसरों को सुनाने के लिए ऊंची आवाज़ की नहीं, अपितु ऊंचे चरित्र एवं ऊंचे आचरण की आवश्यकता होती है ।
ऊंचे चरित्र तथा ऊंचे आचरण वाले व्यक्ति की बात सुनने, समझने, मानने तथा अपनाने के लिए संसार एक दिन अवश्य विवश हो जाता है, क्योंकि उसके शब्दों में सत्य, शुभ तथा सबके कल्याण का भाव निहित होता है।
सबके शुभ का मार्ग प्रशस्त हो ।
ऊंचे चरित्र तथा ऊंचे आचरण वाले व्यक्ति की बात सुनने, समझने, मानने तथा अपनाने के लिए संसार एक दिन अवश्य विवश हो जाता है, क्योंकि उसके शब्दों में सत्य, शुभ तथा सबके कल्याण का भाव निहित होता है।
सबके शुभ का मार्ग प्रशस्त हो ।