एक मित्र ने प्रश्न किया है, कि आत्मा का आहार क्या है ?
“विज्ञान मूलक सत्य धर्म प्रवर्तक भगवान देवात्मा” की अद्वितीय शिक्सग के अनुसार —
जिस तरह पौष्टिक एवं संतुलित भोजन हमारे शरीर के लिए अति हितकर एवं जीवन दायक है, ठीक उसी तरह आत्मिक सत्यज्ञान, उच्च भाव एवं उच्च लोगों की मूल्यवान संगति आत्मिक आहार है, जिसको लाभ करके ‘आत्मा’ रक्षा एवं विकास लाभ कर सकती है, अन्यथा मृत्यु को प्राप्त होती है ।