7. विज्ञान-मूलक सत्य-धर्म के प्रवर्तक एवं संस्थापक भगवान देवात्मा के विषय मे समझने योग्य कुछ मूल बातें ।
7. देवात्मा फरमाते हैं, कि जहाँ तक भी कोई मनुष्यात्मा मेरे देव-प्रभावों को ग्रहण करता है, वहां तक उस जन की अपनी योग्यता केअनुसार उसके भीतर एक या दूसरी ऐसी…