Satya Dharam Bodh Mission

5. स्वदेश के सम्बन्ध में “विज्ञान मूलक सत्य धर्म प्रवर्तक भगवान देवात्मा” की धर्म-शिक्षा —

5.  देवात्मा फरमाते हैं, कि प्रत्येक जन के लिए अति आवश्यक है, कि वह अपने देश की सब प्रकार की विगत तथा वर्तमान अवस्था के विषय में ज्ञान लाभ करके उसके साथ अपने हार्दिक सम्बन्ध को उन्नत करे ।

साधारण शब्दों में — प्रत्येक जन के लिए ज़रूरी है, कि वह अपने देश के इतिहास तथा वर्तमान अवस्था का सत्य ज्ञान लाभ करे ।  इतिहास पर हमारा केवल इतना अधिकार् रह जाता है, कि  विगतकाल में हमारे पूर्वजों से यदि देश के संबंध में कोई गलतियां हुई हैं, तो उनका सुधार करें, ताकि देश का वर्तमान तथा भविष्य संवारा जा सके । 

इसके विपरीत यदि हमारा भूतकाल स्वर्णिम युग था, तो उस काल के हितकर रीति-रिवाजों तथा परम्पराओं को जीवित रक्खें, आगे बढ़ाएं तथा उनका विकास करें, ताकि देश का अधिक से अधिक हित हो सके ।

सबके शुभ का मार्ग प्रशस्त हो ।

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