Satya Dharam Bodh Mission

पूरी सृष्टि (Nature )

प्रिय मित्रों ! पूरी सृष्टि (Nature )
एक है तथा इसमें जितने भी बेजान तथा जानदार अस्तित्व हैं, वह सब आपस मे कितने ही सूत्रों के द्वारा Direct or indirect रूप में जुड़े हुए हैं तथा सब एक दूसरे के अच्छे तथा बुरे भावों एवम कृत्यों से प्रभावित होते हैं तथा अच्छा या बुरा रूप ग्रहण करते हैं । अर्थात हम सब एक दूसरे के संबंधी हैं तथा कर्तव्य-कर्मों एवं वर्जित-कर्मों की अदृश्य किंतु अति विशाल तथा अटूट जंजीर में बंधे हुए हैं । हम चाहें या न चाहें, हमें इसी सीमा-रेखा में रहकर जीवन व्यतीत करना पड़ेगा । जो जन इस नियम को नहीं मानता, उसकी हालत निठारी कांड के कोली जैसी हो जाती है, जिसे अदालतों से 9 बार फांसी पर लटकाये जाने का दण्ड मिला है, जिसका क्रियान्यवयन अभी शेष है । बस में लिखा होता है, कि सवारी अपने सामान की आप ज़िम्मेवार है । उसी तरह प्रकृति-रूपी बस में भी यही लिखा हुआ है, कि हम सब अपने जीवन की रक्षा तथा विकास के लिए सबसे अधिक स्वयं ज़िम्मेवार हैं ।अर्थात हम सब अपने आत्मिक जीवन की रक्षा तथा विकास के लिए सबसे बढ़कर खुद ज़िम्मेवार हैं ।
अतः काश हम सबके शुभ का मार्ग प्रशस्त हो सके ।
देवधर्मी

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